राज्य सरकार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के लोगों के लिए आवश्यक सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और उनके उतरोत्तर विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्वरोजगार पैदा करने के लिए योजना-नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना की तर्ज पर नगरीय निकायों में भी नवा छत्तीसगढ गढ़़ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। बिजली, पानी, सड़क, आवास के साथ ही लोगांे को पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। हाल ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शहरी लोगों की समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना शुरू की है। योजना के तहत प्रदेश के सैकड़ों लोगों का अपने वार्ड पर ही समस्याओं का जल्द समाधान मिल रहा है।
शहरी क्षेत्रों के स्लम बस्ती में रहने वाले लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शहरी मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना प्रारंभ की गई है। इसके अंतर्गत चलित अस्पतालों के जरिए मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। सुपोषण अभियान से बच्चों, महिलाओं को कुपोषण मुक्त किया जा रहा है। स्वच्छता दीदियो के मानदेय मंे वृद्धि कर उन्हें वित्तीय रूप से सुदृढ़़ किया गया। शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर एवं व्यवस्थित करने के लिए शिक्षको को वेतन भुगतान नियमित किए गए। शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में भी विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन मंे अण्डा, बदाम चिकी, भुना हुआ सोयाबीन आदि दिए जा रहे है जिससे बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर हो और कुपोषण की समस्या उत्पन्न न हो।
राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्याओं को दूर करने के लिए पौनी-पसारी योजना प्रारंभ की है। परंपरागत पौनी-पसारी व्यवसायों के माध्यम से ऐसे व्यवसाय से जुड़े हजारों लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की जा रही है। इससे न केवल इस प्रकार के व्यवसाय से जुड़े परिवार को नियमित रोजगार मिलेगा वहीं शहरी अर्थव्यवस्था के विकास मंे यह कदम बेहतर साबित होगा।
प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नगरीय निकायों के विकास में भागीदारी के लिए निर्वाचन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। जिसमें महापौर-अध्यक्ष की आयुसीमा 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष किया गया है। साथ ही जनप्रतिनिधियों को वित्तीय अधिकार भी प्रदान किया गया है। नगरवासियों को प्रदान की जानी वाली सभी सेवाओं को ऑनलाइन के जरिए जोड़ा गया है। इसके तहत ई-गर्वनेंस योजना भी प्रारंभ की गई है। शहरों को टैंकर मुक्त करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत अब तक 62 निकायों को टैंकर मुक्त किया जा चुका है। आम लोगों को आवास निर्माण अथवा कॉलोनी निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण जारी करने के लिए समय-सीमा तय की गई है। इसके लिए एकल खिड़की प्रणाली की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। टोल-फ्री नम्बर - 1100 के जरिए लोगों की समस्याओं का समाधान सातों दिन और चौबीसों घंटों की जा रही है।
राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र में निवासरत लोगों को जो 17 दिसम्बर 2018 तक उक्त जमीन में रह रहा हो अथवा कब्जा हो ऐसे भूमिहीन परिवारों को पट्टा का आंबटन तथा राजीव आश्रय योजनांतर्गत प्राप्त पट्टों के नियमितीकरण के साथ-साथ नये पट्टों के वितरण से शहरी गरीबों के जीवन मंे स्थिरता आई है। इसके अलावा मोर जमीन मोर मकान योजना के तहत मात्र 10 माह मंे गरीबों के लिए 40 हजार मकान तैयार किए गए। अमृत मिशन योजना के माध्यम से निःशुल्क नल कनेक्शन प्रदान कर जलापूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। भू-जल स्तर की चिंतानजक स्थिति को ध्यान में रखते हुए आवासीय, वाणिज्यिक और व्यवसायिक क्षेत्र के भवनों मंे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा शहरी निवासियो के लिए किए जा रहे निरंतर सुधार कार्यों, नवाचार, तथा नीतिगत फैसला के चलते आज शहरी क्षेत्रों में उत्साह का माहौल है।
शहरी क्षेत्रों में विकास की नई पहल